स्टेट स्पेसिफिक आईडी यह सिद्ध करती है कि आप उस राज्य के निवासी हैं जिस राज्य में आप रहते हैं।
इस आईडी के जरिए यह प्रमाणित होता है कि आप राज्य में कई वर्षों से रह रहे हैं, ई-श्रम कार्ड, राशन कार्ड, संभल कार्ड आदि कुछ स्टेट स्पेसिफिक आईडी के उदाहरण है।
इसे हिंदी में राज्य-विशिष्ट आईडी कहते हैं।
फिलहाल Know India Government के मुताबिक भारत में 28 राज्य हैं।
यहां सभी राज्यों की स्पेसिफिक आईडी सूची दी जा रही है आप अपनी स्टेट की स्पेसिफिक आईडी पता कर सकते हैं:
स्टेट | स्पेसिफिक आईडी |
---|---|
आंध्र प्रदेश | AP |
अरुणाचल प्रदेश | AR |
असम | AS |
बिहार | BR |
छत्तीसगढ़ | CG |
गोवा | GA |
गुजरात | GJ |
हरियाणा | HR |
हिमाचल | HP |
झारखण्ड | JH |
कर्नाटक | KL |
केरल | KA |
मध्यप्रदेश | MP |
महाराष्ट्र | MH |
मणिपुर | MN |
मेघालय | ML |
मिजोरम | MZ |
नागालैंड | NL |
ओडिशा | OR |
पंजाब | PB |
राजस्थान | RJ |
सिक्किम | SK |
तमिलनाडु | TN |
त्रिपुरा | TR |
उत्तराखंड | UK |
उत्तरप्रदेश | UP |
पश्चिम बंगाल | WB |
ई-श्रम स्पेसिफिक आईडी क्या है (What is Shram State Specific ID)
ई-श्रम स्पेसिफिक आईडी निवास के प्रमाण के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी एक दस्तावेज है जिसके अपने अलग फायदे हैं जिनमें शामिल है:
- भविष्य में पेंशन की सुविधा
- ई-श्रमिक को भत्ता
- भारत सरकार की योजनाओं का लाभ
- बच्चे की पढ़ाई में आर्थिक सहायता
- स्वास्थ्य इलाज में आर्थिक सहायता
- 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा आदि
स्टेट स्पेसिफिक आईडी के फायदे (Benefits of State Specific ID)
स्टेट स्पेसिफिक आईडी होना एक गर्व की बात है इस आईडी के जरिए हम सिद्ध कर सकते हैं कि भारत के नागरिक होने के साथ हम इस राज्य के मूल निवासी हैंसाथ ही यह स्पेसिफिक आईडी उस राज्य की भी पहचान होती है इसी के साथ दस्तावेज बनवाने में और सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने में स्टेट स्पेसिफिक आईडी की अहम भूमिका है।
राज्य जिनमें स्टेट स्पेसिफिक आईडी की जरूरत अन्य राज्यों की तुलना में अधिक पड़ती है
भारत के सभी राज्यों में स्पेसिफिक आईडी की जरूरत है मगर कुछ राज्य ऐसे हैं जिनमें स्पेसिफिक आईडी की जरूरत अन्य राज्यों की तुलना में अधिक पड़ती है जिनमें शामिल है:
- उत्तरप्रदेश
- बिहार
- उत्तराखंड
- झारखण्ड
- तेलंगाना
नॉर्मल डॉक्यूमेंट और स्टेट स्पेसिफिक आईडी डॉक्यूमेंट में अंतर
अगर आसान शब्दों में समझें तो जो नॉर्मल डॉक्यूमेंट होते हैं वह आपकी पहचान को सत्यापित करते हैं (जैसे पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड वगैरह) जबकि स्पेसिफिक आईडी में आने वाले डॉक्यूमेंट आपके राज्य की पहचान सत्यापित करते हैं कि वर्तमान में आप किस राज्य में रह रहे हैं।
इन दोनों डॉक्युमेंट्स में अंतर देखते हैं…
इसमें पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसे डॉक्यूमेंट शामिल होते हैं | वहीं स्पेसिफिक आईडी में ई-श्रम कार्ड, राशन कार्ड, संभल कार्ड जैसे डॉक्यूमेंट को शामिल किया गया है |
इनको केंद्र सरकार द्वारा बनाया जाता है | राज्य/केंद्र सरकार डाक्यूमेंट्स को लागू करती है |
व्यक्ति की पहचान सत्यापित करते हैं | वर्तमान में व्यक्ति किस राज्य में रह रहा है यह सत्यापित करते हैं (किसी तरह की सरकारी सुविधा का लाभ लेने पर वर्तमान स्पेसिफिक आईडी देना जरूरी है) |
यह दस्तावेज व्यक्ति अपने जीवन काल में एक बार बनवा सकता है | राज्य विभाजन करते वक्त उस राज्य की स्पेसिफिक आईडी आपकी माननीय आईडी होगी |
पहचान संख्या हर व्यक्ति की अलग होती है | राज्यों के आधार पर पहचान एक होती है |
स्टेट स्पेसिफिक आईडी से संबंधित स्टोरी
आंध्र प्रदेश की स्पेसिफिक आईडी AP है।
अरुणाचल प्रदेश की स्पेसिफिक आईडी AR है।
असम की स्पेसिफिक आईडी AS है।
बिहार की स्पेसिफिक आईडी BR है।
छत्तीसगढ़ की स्पेसिफिक आईडी CG है।
गोवा की स्पेसिफिक आईडी GA है।
गुजरात की स्पेसिफिक आईडी GJ है।
हरियाणा की स्पेसिफिक आईडी HR है।
हिमाचल की स्पेसिफिक आईडी HP है।
झारखण्ड की स्पेसिफिक आईडी JH है।
कर्नाटक की स्पेसिफिक आईडी KL है।
केरल की स्पेसिफिक आईडी KA है।
मध्यप्रदेश की स्पेसिफिक आईडी MP है।
महाराष्ट्र की स्पेसिफिक आईडी MH है।
मणिपुर की स्पेसिफिक आईडी MN है।
मेघालय की स्पेसिफिक आईडी ML है।
मिजोरम की स्पेसिफिक आईडी MZ है।
नागालैंड की स्पेसिफिक आईडी NL है।
ओडिशा की स्पेसिफिक आईडी OR है।
पंजाब की स्पेसिफिक आईडी PB है।
राजस्थान की स्पेसिफिक आईडी RJ है।
सिक्किम की स्पेसिफिक आईडी SK है।
तमिलनाडु की स्पेसिफिक आईडी TN है।
त्रिपुरा की स्पेसिफिक आईडी TR है।
उत्तराखंड की स्पेसिफिक आईडी UK है।
उत्तरप्रदेश की स्पेसिफिक आईडी UP है।
पश्चिम बंगाल की स्पेसिफिक आईडी WB है।