Secured & Unsecured loan: बैंकों द्वारा दो तरह के लोन प्रदान किए जाते हैं. सेक्योर्ड और अनसेक्योर्ड, आमतौर पर कोई भी बैंक इन दोनों श्रेणियों में से किसी एक को चुनकर लोन प्रदान करती है. हमारे लिए इनको समझना जरूरी है.
हमने यह तो समझ लिया सेक्योर्ड / अनसेक्योर्ड लोन में क्या अंतर होता है. लेकिन इसमें कुछ ऐसी चीजें हैं जिनको हमें समझना जरूरी है. आज के समय लगभग सभी प्रकार के लोन इन्हीं दो श्रेणियों में दिए जाते हैं चाहे लोन बैंकिंग हो या नॉन-बैंकिंग. कई मामलों में सिक्योर्ड लोन कम सिबिल स्कोर पर भी मिल जाते हैं. लेकिन अनसिक्योर्ड लोन में सिबिल स्कोर एक अहम पहलू है.
अगर आप सेक्योर्ड लोन की रकम भरने में सक्षम नहीं हो पाते हो तो बैंक आपकी गिरवी रखी हुई चीज को बेचकर लोन की रकम वसूलता है. वहीं अनसेक्योर्ड लोन में बैंक को कानूनी सहारा लेना पड़ता है.
पहले समझते हैं:
सिक्योर्ड लोन का फंडा
चूंकि सिक्योर्ड लोन संपत्ति पर दिया जाता है इसीलिए इसमें कर्ज देने वाले का पैसा सुरक्षित रहता है. जिसके चलते इसमें लोन आवेदक को असुरक्षित ऋण के मुकाबले ज्यादा फायदे मिलते हैं.
सिक्योर्ड लोन के अहम पहलु:
- सिक्योर्ड लोन में, लोन की रकम काफी हद तक गारंटी के तौर पर रखे जा रहे एसेट (संपत्ति) की वैल्यू पर निर्भर करती है.
- सिक्योर्ड लोन में ब्याज दर असुरक्षित ऋण के मुकाबले कम होती है.
- सिक्योर्ड लोन लंबे समय अवधि के लिए प्रदान किए जाते हैं. हालांकि आप कम समय के लिए भी यह लोन प्राप्त कर है.
- लोन का भुगतान न करने की स्थिति में आपके द्वारा गिरवी रखी गई चीज को बेचकर बैंक लोन की रकम वसूलती है.
सिक्योर्ड लोन के प्रकार:
सिक्योर्ड ऋण का उपयोग आप अपने मुताबिक कई तरह के उद्देश्यों की पूर्ति करने के लिए कर सकते हैं. इस समय कई तरह के सिक्योर्ड लोन उपलब्ध हैं जिनमें शामिल है:
- गिरवी रखकर लिया गया ऋण
- गोल्ड ऋण
- होम ऋण
- वाहन ऋण
- बचत-सुरक्षित ऋण
- जीवन बीमा ऋण
- बिजनेस ऋण, आदि.
सुरक्षित ऋण के फायदे:
अगर सिक्योर्ड लोन के फायदों की बात करें तो:
- कम ब्याज दर
- सरल लोन प्रक्रिया
- ज्यादा धनराशि
- अधिक पुनर्भुगतान समय, कुछ इसके प्रमुख फायदे है.
उदाहरण:
मान लेते हैं हमने कार खरीदने के लिए बैंक से ₹10 लाख रुपए का लोन लिया है. तो अब बैंक का अधिकार कार के कागजात पर तब तक रहेगा जब तक कि आप पूरे ऋण को चुका नहीं देते हो.
अब समझते हैं:
अनसेक्योर्ड लोन का फंडा
यह लोन सुरक्षित ऋण के बिल्कुल विपरीत होते हैं. इसमें आपको किसी तरह की चीज गिरवी रखने की जरूरत नहीं है. बैंक इसमें सिर्फ आपके क्रेडिट स्कोर और कुछ दूसरे पहलुओं को देखकर ऋण प्रदान करता है.
बिना किसी एसेट के लोन प्राप्त करने के कारण इसमें ब्याज दर सुरक्षित लोन के मुकाबले ज्यादा होती है. ऋणदाता या बैंक यह ऋण देते समय लोन आवेदक की साख यानी क्रेडिट को देखता है. साथ ही आपकी आय और बचत जैसे अन्य बिंदुओं पर भी विचार किया जाता है यह पता करने के लिए कि इस ऋण के लिए आप सक्षम हैं या नहीं.
अनसेक्योर्ड लोन के अहम पहलु:
- हर वो व्यक्ति जिसका क्रेडिट स्कोर सही है और वह कोई सरकारी या प्राइवेट नौकरी कर रहा है, इस लोन के लिए आवेदन कर सकता है.
- अनसेक्योर्ड लोन में ब्याज दर सुरक्षित ऋण के मुकाबले अधिक होती है.
- अनसिक्योर्ड लोन में कोई कॉलेटरल नहीं होता है.
अनसेक्योर्ड लोन के प्रकार:
अनसेक्योर्ड लोन (असुरक्षित ऋण) की श्रेणी में आने वाला सबसे प्रचलित ऋण, व्यक्तिगत ऋण यानी पर्सनल लोन है. हालांकि असुरक्षित ऋण श्रेणी में कई तरह के लोन आते हैं जिनमें कुछ है:
- एजुकेशन लोन
- स्टूडेंट लोन
- पर्सनल लोन
अनसेक्योर्ड ऋण के फायदे:
- बिना संपत्ति पर लोन मिलता है
- संपार्श्विक खोने का कोई जोखिम नहीं होता
उदाहरण
अनसेक्योर्ड ऋण में ठीक सिक्योर्ड लोन के अलग चीजें चलती है. सिक्योर्ड लोन में जहां हमें संपत्ति की जमानत देनी होती है वहीं अनसिक्योर्ड लोन में हमें बैंक को यह विश्वास दिलाना होता है कि “बैंक को यह ऋण चुकाने में हम सक्षम है.”
सुरक्षित और असुरक्षित ऋण में अंतर

हमने अब तक सिक्योर्ड और अनसेक्योर्ड लोन के बारे में जो समझा उसमें दोनों ऋणों के बीच अंतर स्पष्ट हो गया है. बाकी आप नीचे दिए गए इमेज में दोनों ऋणों की हाइलाइट्स देख सकते हैं.
आपके लिए कौनसा लोन सही रहेगा?
यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है. अगर आपके पास कुछ निजी संपत्ति मौजूद है, जैसे कि: प्रॉपर्टी, घर, सोना-चांदी, वगैरह. तो आप सुरक्षित ऋण की तरफ जा सकते हैं. सुरक्षित ऋण कई माइनों में असुरक्षित ऋण की अपेक्षा में बेहतर होते है. साथ ही इसकी लोन प्रक्रिया असुरक्षित ऋण के मुकाबले आसान होती है.
सेक्योर्ड और अनसेक्योर्ड लोन से संबंधित कुछ सवाल!
बैंक द्वारा सिक्योर्ड लोन प्राप्त करने के लिए आपके पास संपत्ति (प्रॉपर्टी, मकान, ज्वेलरी, आदि) होना आवश्यक है. इसी के साथ बैंकों द्वारा बताई गई कुछ अन्य योग्यताएं भी आवेदकों को पूरा करना होगा.
अनसेक्योर्ड लोन प्राप्त करने के लिए, आपको बैंक को यह विश्वास दिलाना होगा कि आप यह ऋण चुकाने में सक्षम है. जिसको सिद्ध करने के लिए बैंक आपकी वित्तीय स्थिति, क्रेडिट स्कोर, बैंकिंग ट्रांजैक्शन जैसे पहलू पता करती है.
जिस बैंक से आपने सिक्योर्ड लोन लिया है उसकी शर्तों के आधार पर बैंक आपकी गिरवी रखी चीज को बेचकर लोन की रकम वसूल सकती है.
अनसेक्योर्ड लोन ना चुका पाने की स्थिति में बैंक लोन आवेदक पर कानूनी कार्यवाही करेगी. साथ ही लोन आवेदक का क्रेडिट स्कोर भी कम हो जाएगा जिसके चलते वह आगे कभी लोन नहीं ले पाएगा.